Guru Purnima in Hindi
गुरु पूर्णिमा की भारत में बहुत मान्यता है। गुरु पूर्णिमा आषाढ़ के चौथे माह में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा मनाने की सदियों पुरानी परम्परा है। इस दिन लोग अपने गुरुजनों की पुजा करते है। वैसे तो सभी पूर्णिमा का महत्व है लेकिन आषाढ़ की पूर्णिमा का कुछ ज्यादा ही महत्व है। इस दिन लोग पवित्र नदी नें स्नान करते है। जप-तप और पूजा पाठ करके लोग गरीबों को दान करते है।
गुरु पूर्णिमा की कथा
आषाढ़ मास की पूर्णिमा काफी महत्व है इसी दिन वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। वेद व्यास ने चारों वेदों की रचना की है। गुरु वेद व्यास जी ने महाभारत की भी रचना की है। हिन्दू धर्म और जैन धर्म में गुरु के सम्मान, आध्यात्मिक और अपनी कृतज्ञता दिखाने के रुप में मनाया जाता है।
आषाढ़ के चार महीने काफी श्रेष्ठ होते है। इस चार माह में साधू-संत एक स्थान पर रुक कर ज्ञान की गंगा बहाते है। ये चार माह न तो ज्यादा गर्मी होती है, और न तो ज्यादा ठंड होती है। इसी लिए ये चार माह पढ़ाई के लिए सबसे अच्छे माने जाते है। जिस प्रकार सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतल और फसल को वर्षा से हरा-भरा रहता है उसी प्रकार गुरु के चरणों में रहकर ज्ञान और शान्ति मिलता है।
गुरु की प्रेरणा से ही लोग बुरे काम को त्याग कर अच्छे काम को अपनाते है। शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। अर्थात अंधकार से जीवन में ज्ञानरुपी प्रकाश करना।
गुरु पूर्णिमा कब है? Guru Purnima in Hindi
24 जुलाई 2021 को गुरु पूर्णिमा मनायी जायेगी। गुरु पूर्णिमा को वेद पूर्णिमा भी कहते है।
आषाढ़ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- शुक्रवार 23 जुलाई को सुबह 10:34 बजे
गुरु पूर्णिमा तिथि समाप्त- शनिवार 24 जुलाई को सुबह 08:06 बजे
FAQ’S
Q. गुरु पूर्णिमा कब है?
Ans:- 24 जुलाई
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