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Goa Liberation Day 2021 | आजादी के 14 साल बाद मुक्त हुआ था, जाने पूरा इतिहास।

Goa Liberation Day 2021: भारत के आजाद होने के 14 वर्ष बाद गोवा पुर्तगालियों के आधीन रहा। 19 दिसम्बर 1961 को गोवा पुर्तगालियों से मुक्त हुआ। गोवा का पूरा इतिहास जाने के लिए हमारे पोस्ट पर अन्त तक बने रहे।

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Goa Liberation Day 2021 (गोवा मुक्ति दिवस)

हर वर्ष 19 दिसम्बर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से मुक्त हो गया था इसीलिए हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। लेकिन गोवा अंग्रेजों के कब्जे में नहीं था। गोवा पर पुर्तगालियों का डोमिनियन था। जिसे 15 अगस्त को स्वतंत्रता नहीं मिली। गोवा को 14 वर्ष बाद 19 दिसम्बर 1961 को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया। इसीलिए 19 दिसम्बर को गोवा मुक्त दिवस मनाया जाता है। वैसा गोवा अपना स्थापना दिवस 30 मई को मनाता है, क्योंकि गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा 30 मई 1987 को दिया गया था।

गोवा का परिचय (Introduction to Goa)

गोवा अरब सागर के तट पर स्थित है। इसकी सीमा दो राज्यों – महाराष्ट्र और कर्नाटक से लगती है। गोवा अपनी खूबसूरती बीचेज, नाइट लाइफ, वॉटर स्पोर्ट्स, फूड्स वगैरह के लिए जाना जाता है लेकिन गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 वर्षों तक राज किया।

गोवा का भूगोल (Geography of Goa)

गोवा का क्षेत्रफल 3702 वर्ग किलोमीटर है। गोवा का अक्षांश और देशान्तर क्रमश: 14°53’54” N और 73°40’33” E है। गोवा का समुद्र तट 132 किलोमीटर लम्बा है। गोआ भारत का सबसे छोटा राज्य है। गोवा की राजधानी पणजी है, जो मांडवी नदी के किनारे बसा है।

गोवा नाम कैसे पड़ा?

महाभारत में गोवा का उल्लेख गोपराष्ट्र यानि गाय चराने वाला देश के रूप में मिलता है। जबकि दक्षिण कोकंण का उल्लेख गोवाराष्ट्र ने नाम से जाना जाता था। संस्कृत के कई पुराने स्रोतों में गोवा का नाम  गोपकपुरी और गोपकपट्टन कहा गया है जिनका उल्लेख अन्य ग्रंथों के अलावा हरिवंशम और स्कंद पुराण में मिलता। गोवा को बाद में कहीं-कहीं गोअंचल भी कहा गया है।

अन्य नामों में गोवे, गोवापुरी, गोपकापाटन और गोमंत प्रमुख हैं। टोलेमी ने गोवा का नाम 200 वर्ष पहले गोउबा के रूप में किया है। अरब के मध्युगीन यात्रियों ने इस क्षेत्र को चंद्रपुर और चंदौर के नाम से इंगित किया है जो मुख्य रूप से एक तटीय शहर था। जिस स्थान का नाम पुर्तगाल के यात्रियों ने गोवा रखा वह आज का छोटा सा समुद्र तटीय शहर गोआ-वेल्हा है। बाद में उस पूरे क्षेत्र को गोवा कहा जाने लगा जिस पर पुर्तगालियों ने कब्जा किया।

गोवा का इतिहास (History of Goa)

गोवा के लम्बे इतिहास की शुरुआत मौर्य वंश से होती है। पहली सदी आते-आते इस पर कोल्हापुर के शासक सातवाहन वंश का अधिपति स्थापित हुआ। फिर बादामी के चालुक्य शासकों ने इस पर वर्ष 580 से 750 तक राज किया। इसके बाद अलग-अलग समय पर अलग-अलग राजाओं ने राज किया। वर्ष 1312 में गोवा पहली बार दिल्ली सल्तनत के अधीन हुआ।

Goa Liberation Day 2021
Goa Liberation Day 2021

किन्तु 1336 में हरिहर और बुक्का नाम दो भाईयों ने विजय नगर के नाम से गोवा पर कब्जा कर लिया। आने वाले सौ वर्ष तक विजयनगर के शासक ने यहां राज किया। अरब के मध्युगीन यात्रियों ने इस क्षेत्र को चंद्रपुर और चंदौर के नाम से इंगित किया है जो मुख्य रूप से एक तटीय शहर था। 1469 में गुलबर्ग के बहामी सुल्तान द्वारा फिर से दिल्ली सल्तनत का हिस्सा बनाया गया। बहामी शासकों के पतन के बाद बीजापुर के आदिल शाह का यहां कब्जा हुआ जिसने गोआ-वेल्हा को अपनी दूसरी राजधानी बनाया।

गोवा पर पुर्तगालियों का कब्जा

1510 में, पुर्तगालियों ने एक स्थानीय सहयोगी, तिमैया की मदद से सत्तारूढ़ बीजापुर सुल्तान यूसुफ आदिल शाह को पराजित किया। उन्होंने वेल्हा गोवा में एक स्थायी राज्य की स्थापना की। यह गोवा में पुर्तगाली शासन का प्रारंभ था जो अगली साढ़े चार सदियों तक चला1843 में पुर्तगाली राजधानी को वेल्हा गोवा से पंजिम ले गए। मध्य 18 वीं शताब्दी तक, पुर्तगाली गोवा का वर्तमान राज्य सीमा के अधिकांश भाग तक विस्तार किया गया था।

गोवा पर अंग्रेजों का कब्जा

1809-1815 तक नेपोलियन ने पुर्तगाल में कब्जा कर लिया। और एग्लों गठबंधन के साथ गोवा अंग्रेजों के अधिकार क्षेत्र में आ गया। 1947 तक गोवा अंग्रेजों के कब्जे में रहा। और 19 दिसम्बर 1961 तक गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में रहा।

पुनः गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में

आजादी के समय भारत के प्रथम प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरू ने अंग्रेजों से सामने यह मांग रखी की गोवा भारत के अधिकार में दे दिया जाये। वहीं पुर्तगालियों ने गोवा पर अपना अधिकार ठोक दिया। इसी अवसर का लाभ उठाकर अंग्रेजों ने गोवा को पुर्तगालियों को सौंप दिया। गोवा पर पुर्तगाली अधिकार का तर्क यह दिया गया था कि गोवा पर पुर्तगाल के अधिकार के समय कोई भारत गणराज्य अस्तित्व में नहीं था।

भारतीय सेना की तैयारी

तात्कालिक प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन के बार-बार कहने पर भी पुर्तगाली गोवा को छोड़ और झुकने को मान नहीं रहे थे। उस समय दमन-द्वीव भी गोवा का हिस्सा था। प. जवाहर लाल नेहरू के बार-बार कहने पर नहीं माने तो भारत को सेना की ताकत का इस्तेमाल करना पड़ा। मेजर जनरल के.पी. कैंडेथ को ’17 इन्फैंट्री डिवीजन’ और ’50 पैरा ब्रिगेड’ का प्रभार दिया गया था। भारतीय सेना की तैयारियों के बावजूद पुर्तगालियों पर कोई असर नहीं पड़ा। उस समय भारतीय वायु सेना के पास छह हंटर स्क्वाड्रन और चार कैनबरा स्क्वाड्रन थे।

गोवा मुक्ति दिवस

गोवा मुक्त कराने के सभी द्वार बन्द हो चुके थे। इसके बाद सेना को गोवा मुक्त कराने की जिम्मेदारी दी गयी। भारतीय वायु सेना की कमान एयर वाइस मार्शल एरलिक पिंटो के पास थी। वायु सेना ने 2 दिसम्बर को “गोवा मुक्त” अभियान शुरु किया। 8-9 दिसम्बर को वायु सेना ने पुर्तगालियो के ठिकाने पर बमबारी शुरु कर दी। हद तो तब हो गयी जब थल सेना और जल सेना ने हमला बोल दिया। इस हमले से पुर्तगाली अन्दर से टूट गये। 19 दिसम्बर को गोवा छोड़ने का निर्णय ले लिया। इस प्रकार गोवा 19 दिसम्बर 1961 को पुर्तगालियों से आजाद हुआ।

गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा

गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा 1987 को दिया गया। 19 दिसम्बर 1961 को पुर्तगालियों से आजादी मिली। बाद में गोवा में चुनाव हुआ। 20 दिसंबर, 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने।  गोवा के महाराष्ट्र में विलय की भी बात चली, क्योंकि गोवा महाराष्ट्र के पड़ोस में ही स्थित था। वर्ष 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया। बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना।

FAQ’s

Q. गोवा मुक्ति दिवस कब मनाया जाता है?

Ans : गोवा मुक्ति दिवस 19 दिसम्बर को मनाया जाता है।

Q. गोवा को भारत का पूर्ण राज्य का दर्जा कब मिला?

Ans : गोवा को भारत का पूर्ण राज्य का दर्जा 30 मई 1987 को 25वां राज्य बना।

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Experienced Content Writer with a demonstrated history of working in the education management industry. Skilled in Analytical Skills, Hindi, Web Content Writing, Strategy, and Training. Strong media and communication professional with a B.sc Maths focused in Communication and Media Studies from Dr. Ram Manohar Lohia Awadh University, Faizabad.

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