Nelson Mandela Biography in Hindi नेल्सन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका का गांधी कहा जाता है, नेल्सन मंडेला का पूरा नाम नेल्सन रोलीह्लला मंडेला (Nelson Rolihlahla Mandela) था। मंडेला, गांधी जी से काफी प्रेरित थे, वे गांधी की तरह अहिंसा में विश्वास रखते थे। नेल्सन मंडेला का जीवन काफी मुस्किलों से भार था। उन्हें 27 अपने जीवन के जेल में बिताना पड़ा था। रंग भेद के लिए काफी संघर्ष किया था।
मंडेला जी दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति भी रह चुके है।
दोस्तों संपूर्ण जानकारी के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े।
Nelson Mandela का जीवन परिचय
मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था। इनका गेडला हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा और इनकी तीसरी पत्नी नेक्यूफी नोसकेनी के घर हुआ था। मंडेला 18 भाई-बहनों में तीसरे थे। उनके पिता हेनरी म्फ़ाकेनिस्वा, हेनरी म्वेज़ो जनजाति के सरदार थे। स्थानीय लोग सरदार के बेटे को मंडेला कहते थे।
उनके पिता उन्हें ‘रोलिह्लाला’ नाम से पुकारते थे। जिसका क्षेत्रीय भाषा में अर्थ “उपद्रवी” होता है। नेल्सन का प्रारम्भिक शिक्षा क्लार्कबेरी मिशनरी स्कूल से हुई। मैट्रिक शिक्षा मेथोडिस्ट मिशनरी स्कूल से प्राप्त की। उच्च शिक्षा यूनिवर्सिटी ऑफ़ फोर्ट हेर, यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन एक्सटर्नल सिस्टम, यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ अफ्रीका, यूनिवर्सिटी ऑफ़ द विटवाटरस्रांड जैसे विभिन्न यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। 12 वर्ष की उम्र में इनके पिता का देहांत हो गया था।
राजनीतिक संघर्ष Nelson Mandela Biography in Hindi
राजनीतिक जीवन भी काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला। 1941 में मंडेला जोहन्सबर्ग चले गये। जहां उनकी मुलाकात वॉल्टर सिसुलू और वॉल्टर एल्बरटाइन से हुई। ये इन दोनों मंड़ेला काफी प्रभावित हुए। जोहन्सबर्ग में बसने के बाद जीवनयापन के लिए एक कानून फर्म में क्लर्क की नौकरी कर ली। किन्तु उनका मन राजनीतिक की ओर धीरे-धीरे आकर्षित होने लगा।
उस समय रंगभेद को लेकर काफी समस्याएं थी रंग भेदभाव को दूर करने के लिए राजनीति में कदम रखा। 1944 में इन्होंने अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये। जिसने रंगभेद के विरुद्ध आंदोलन जारी रखा था। 1944 में मंडेला अपने दोस्तों और सहयोगियों के साथ मिलकर अफ़्रीकन कांग्रेस लीग की स्थापना की। 1947 को इन्हें इसका सचिव चुना गया।
और 1961 तक रंग भेद विरोध प्रदर्शन जारी रहा। किन्तु 1961 में इनके और कुछ सहयोगियों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया किन्तु कोर्ट में दोष सिद्ध न होने के कारण इन्हें छोड़ दिया गया।
5 अगस्त 1962 को उन्हें एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर मजदूरों को उकसाने तथा देश छोड़ने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया गया। 12 जुलाई 1964 को उन पर मुकदमा चलाया गया। और उन्हें उम्र कैद की सज़ा सुनायी गयी। सज़ा के लिए उन्हें राबर्ट द्वीप भेजा गया। किन्तु इनका उत्साह वहां भी कम नहीं हुआ।
जेल में भी उन्होंने अश्वेत कैदियों को लामबन्द (mobilized) करना शुरु कर दिया। जेल में रहकर उन्होंने एक पुस्तक लिखी जिसका नाम ‘Long Walk to Freedom’ है। जेल में उन्होंने कोयले की खान में काम किया। 27 साल सज़ा काटने के बाद उन्हें रिहा किया गया। 11 फरवरी 1990 के रिहायी के बाद समझौते और शान्ति की नीति द्वारा उन्होंने एक लोकतान्त्रिक एवं बहुजातीय अफ्रीका की नींव रखी। पुनः एक बार फिर से राजनीति में सक्रिय हो गये।
1994 में दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत चुनाव हुआ और अफ्रीकन कांग्रेस लीग 62 प्रतिशत वोट पाकर विजयी रही, और सर्व सहमति से नेल्सन मंडेला को राष्ट्रपति चुना गया। 10 मई 1994 को नेल्सन मंडेला देश के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने 1996 केा अफ्रीका में नये संविधान लागू किया गया। जिसके अन्तर्गत कई राजनीतिक और अधिकारियों की जाँच के लिए कई संस्थाओं की स्थापना की।
दो वर्ष बाद सक्रिये राजनीति से अलग हो गये। 1999 में अफ्रीका-कांग्रेस पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच उन्होंने देश में अश्वेत के लिए काफी बदलाव किया । कानून लागू किया तथा उन्हें सम्मान से जीने की आज़ादी दिलाई।
विचारधारा (Nelson Mandela Biography in Hindi)
ये गाँधी की विचार धारा को मानते थे अहिंसा के पुजारी थे। गांधी जी से काफी प्रेरित थे। मंडेला ने कभी हिंसक विचार धारा नहीं अपनायी।
विवाह बन्धन (Nelson Mandela Biography in Hindi)
मंडेला जी की तीन शादियां हुई थी। जिनसे उनके छः संताने हुई तथा उनके 17 पोते-पोतियां है। पहली शादी 1944 में उनके मित्र और सहयोगी वाल्टर सिसुलू की बहन इवलिन मेस से हुआ था। 1961 में चले मुकदमे में दोषी नहीं पाया गया उसी समय उनकी मुलाकात उनकी दूसरी पत्नी नोमजामो विनी मेडीकिजाला से हुई। 1998 में अपने 80वें जन्मदिन पर उन्होंने ग्रेस मेकल से विवाह किया इस प्रकार उन्होंने तीन विवाह किया था।
सम्मान और पुरस्कार (Nelson Mandela Biography in Hindi)
अफ्रीका में लोग उन्हें मदीबा कहते है जो किसी बुजुर्ग के लिए गर्व की बात है। मदीबा का अर्थ पिता होता है। अफ्रीका में इन्हें राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। मंडेला जी को प्रथम लोकतांत्रिक के संस्थापक, “राष्ट्रीय मुक्तिदाता और उद्धारकर्ता” के लिए जाना जाता है। जोहन्सबर्ग में स्थित सैडटन सैंडटन स्क्वायर शॉपिंग सेंटर में मंडेला की मूर्ति स्थापित की गयी।
2009 में संयुक्त राज्य सभा ने रंगभेद विरोधी संघर्षों में उनके योगदान की याद 18 जुलाई को उनका जन्म दिन मनाने की घोषणा की है।
विभिन्न देशों ने उनके इस योगदान के लिए अपने देश का सर्वोच्च पुरस्कार भी प्रदान किया है। विश्व के देशों से लगभग 250 पुरस्कार प्रदान किये गये है। इसमें कुछ पुरस्कार निम्न है-
- 1993 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार[10]
- प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम
- ऑर्डर ऑफ़ लेनिन
- भारत रत्न
- निशान-ए–पाकिस्तान
- 23 जुलाई 2008 को गाँधी शांति पुरस्कार
मृत्यु (Nelson Mandela Biography in Hindi)
5 दिसम्बर 2013 को उनका देहांत हो गया। किन्तु वे आज भी लोगों के बाीच एक प्रेरणा के रूप में लोगों बीच आज भी जीवित है। उनका देहांत फेफड़े के संक्रमण के कारण हुआ। उस समय उनका पूरा परिवार उनके साथ था।
FAQ’s
Q. नेल्सन मंडेला का संबंध किस गणराज्य से थे?
Ans:- म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ गणराज्य से थे।
Q. नेल्सन मंडेला का जन्म कब हुआ?
Ans:- मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को म्वेज़ो, ईस्टर्न केप, दक्षिण अफ़्रीका संघ में हुआ था।
Q. नेल्सन मंडेला की मृत्यु कब हुई?
Ans:- 5 दिसम्बर 2013 को उनका देहांत हो गया।
Q. नेल्सन मंडेला के जीवन और संघर्ष कैसे था?
Ans:- नेल्सन मंडेला का जीवन और संघर्ष काफी दुख भरा था। इन्हें अपने जीवन में काफी कठिनाई उठानी पड़ी थी। उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था।
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