Shaheed Diwas: राष्ट्रवादी महात्मा गाँधी की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।

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Shaheed Diwas: महात्मा गाँधी की आज पुण्यतिथि है। यानि कि 30 जनवरी 1948 को संसद भवन की सीड़ियाँ चढ़ रहे थे। तभी उनका अंगरक्षक नाथूराम घोडसे ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। राहुल गाँधी ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी।

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महात्मा गाँधी जी की आज पुण्यतिथि मनाई जा रही है। पीएम मोदी और कई नेता आज राजघाट पर श्रद्धांजलि दी जायेगी। महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस के नेता ट्वीट कर एक बार फिर सियासी गरम हो गयी है। राहुल ने ट्वीट में लिखा है ‘एक हिंदुत्ववादी ने गांधी जी को गोली मारी थी। सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधी जी नहीं रहे। जहां सत्य है, वहां आज भी बापू ज़िंदा हैं!’ यह पहली बार नहीं जब राहुल गाँधी ने हिंदुत्ववाद को लेकर चर्चा में रहे हो।

महात्मा गाँधी की 74 पुण्यतिथि मना रहा देश

स्वतंत्रता दिवस के महान नायक मोहनदास कर्मचन्द गाँधी (महात्मा गाँधी) की आज 74वीं पुण्यतिथि मनायी जा रही है। महात्मा गाँधी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को नाथुराम घोडसे द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। इस अवसर पर सभी बड़े नेता आज राजघाट पर पहुंचकर श्रद्धांजलि देंगे। महात्मा गाँधी को योगदान देश सदियों तक याद करेगा। । उनके आदर्शों, अहिंसा की प्रेरणा, सत्य की ताकत ने अंग्रेजों को भी झुकने को मजबूर कर दिया। उनके इसी योगदान के कारण गांधीजी आज महात्मा गांधी के नाम से जाने जाते हैं।

महात्मा गाँधी की हत्या कब हुई थी?

बाद में 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली के बिड़ला भवन में नाथूराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी। अहिंसा का संदेश देने वाले इस महान व्यक्तित्व के जीवन के अंत के बाद देशवासी गांधीजी को राष्ट्रपिता मानते है।

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सुभाषचन्द्र बोस ने पहली बार राष्ट्रपिता कहा।

सुभाषचन्द्र बोस और महात्मा गाँधी जी के बीच 1940 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर मतभेद हो गया था। इस मतभेद के चलते सुभाषचन्द्र बोस देश छोड़कर चले गये। और सबसे पहली बार नेताजी ने ही 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो स्टेशन से दिए गए अपने भाषण में गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। नेता जी आजाद हिन्द फौज के संस्थापक थे। अपने भाषण के अंत में सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि ‘हमारे राष्ट्रपिता, भारत की आजादी की पवित्र लड़ाई में मैं आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं की कामना कर रहा हूं।’

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