PSLV-C51|नैनोसेटेलाइट in Hindi: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (IRSO) के सीईओ और Space Kidz India के सिवान जी इस नैनोसेटेलाइट से काफी प्रसन्न दिख रहे है। उनका कहना है कि यह नैनोसेटेलाइट पहली भारत की नैनोसेटेलाइट है जिसे भारतीय द्वारा पूरी तरह से निर्मित किया गया है। जिसे PSLV-C51 date द्वारा 28/02/2021 को आन्ध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जायेगा।
इस नैनोसेटेलाइट को IRSO के संस्थापक सतीश धवन के नाम पर रखा गया है जिसका नाम है सतीश धवन सेटेलाइट है। यह नैनोसेटेलाइट अपने साथ वैज्ञानिक पेलोड के अलावा, नैनोसेटेलाइट में भगवद् गीता, प्रधानमंत्री मिस्टर नरेंद्र मोदी जी की तस्वीर और अतंरिक्ष में 25000 आम व्यक्तियों के नाम की प्रति भी लेकर जायेगी। इसमें 1000 नाम विदेशों के भी है।
मिशन विवरणः-
इसरो द्वारा PSLV-C51 आन्ध्र प्रदेश के सतीश धावन अतंरिक्ष अनुसंधान केन्द्र श्री हरिकोटा से भेजा जायेगा। श्री हरिकोटा में स्थित प्रथम प्रमोचन पैड के मुख्य उपग्रह के रूप में अमेज़ोनिया-01 और 18 सह-यात्री उपग्रह लॉन्च किया जायेगा। PSLV-C51 दो ठोस स्ट्रैप-ऑनबूस्टर वाले के के. डी. प्रकार के उपग्रह का प्रयोग करेगी।
अतंरिक्ष विभाग के तहत पहला भारत सरकार की कम्पनी न्यूस्पेस इंडिया (एनसिल) के लिए अमेज़ोनिया-01 मिशन पहला समर्पित पी.एस.एल.वी. वाणिज्यिक मिशन है।
यह वर्ष 2021 की प्रथम उड़ान है, जो प्रथम प्रमोचन पैड से 39 उड़ान होगी। यह सतीश धवन अतंरिक्ष केन्द्र से 78 वीं प्रमोचन रॉकेट मिशन होगा, PSLV की 53 उड़ान होगी, इस उपग्रह से 34 देशों से 342 विदेशी उपग्रह को भेजा जायेंगा। तथा एनसिल के लिए पहला समर्पित पी.एस.एल.वी. वाणिज्यिक मिशन होगा।
पी.एस.एल.वी.-51 मिशनः-
मुख्य उपग्रह | अमेज़ोनिया-01 |
सह-यात्री उपग्रह | 18 उपग्रह |
कक्षा | सूर्यतुल्यकाली ध्रवीय कक्षा |
प्रमोचन पैड | प्रथम प्रमोचन पैड |
यह सेटेलाइट चेन्नई में स्थित स्पेसकिडज़ इंडिया ने सतीश धवन सेटेलाइट, या एसडी सैट नामक नैनोसेटेलाइट विकसित किया है। यह सेटेलाइट एक 30x10x10 सेमी क्यूबाइट जो एक प्रायोगिक संचार उपग्रह है, जो अंतरिक्ष में लंबी दूरी प्रौद्योगिकी की क्षमताओं का परीक्षण के लिए प्रयोग मेें लाया जायेगा।
Space Kidz India छात्रोंं के बीच अंतरिक्ष विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए समर्पित संगठन है। जिसका मुख्यालय चेन्नई में स्थित है।
PSLV भारत की तीसरी पीढ़ी का लॉन्च व्हीकल है। जो विक्विड चरणों से लैस होने वाला पहला भारतीय प्रक्षेपण यान है। जो अक्टूबर 1994 में अपने पहले सफल प्रक्षेपण के बाद, PSLV फरवरी 2021 तक 51 लगातार सफल मिशन के साथ भारत के विश्वसनीय और बहुमुखी वर्कहोर्स लॉन्च वाहन के रूप में उभरा है। PSLV सीरीज का यह 53 उपग्रह है जिसमें से दो उपग्रह असफल रहे।
PSLV-C50:-
PSLV-C50:- इससे पहले आन्ध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से PSLV-C50 17 दिसम्बर 2020 को लॉन्च किया गया था। इसरो PSLV-C50 से सीएमएस-01 सेटेलाइट को लॉन्च किया। सीएमएस-01 एक संचार उपग्रह है। सीएमएस-01 अंतरिक्ष एजेन्सी की 42वीं संचार उपग्रह है। जो PSLV-C50 द्वारा 17 दिसम्बर 2020 को सतीश धवन अतंरिक्ष केन्द्र श्री हरिकोटा से भेजा गया।
इस संचार उपग्रह से देश में संचार बढ़ेगा। जहां पर संचार का परिवाहन सही तरीके से नहीं होता था। वहां पर संचार सुबिधायें अच्छी होगी। अतंरिक्ष संचार उपग्रह आम संचार से जल्दी और तेजी से डेटा उपलब्ध करायेगा। तथा उपयोग सबसे ज्यादा सेना के लिए किया जायेगा क्योंकि जहां पर सेना का बंकर पहाड़ी क्षेत्रों में बनाये जाते है। जहाँ पर नेटवर्क की सबसे ज्यादा समस्या आती है। इस संचार उपग्रह से सेना की हदतक समस्या दूर हो जायेंगी।
PSLV-C50 से अंडअंडमान निकोबार और लक्षद्वीप समूह तक संचार उपग्रह उपलब्ध हो जायेगा। अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप समूह में पहले नेटवर्क की भी सुविधा नहीं थी। किन्तु BSNL कम्पनी के द्वारा वहां पर ऑप्टिकल केबल का भी विस्तार किया गया। जिससे की वहां पर भी संचार का अच्छा साधन उपलब्ध हो सके।
PSLV-C49:-
इसरो ने 7 नवम्बर 2020 को PSLV-C49 के द्वारा अर्थ ऑबजरवेशन सैटेलाइट और 9 कस्टमर सैटेलाइट को लॉन्च किया था। यह कोविड-19 का इसरो द्वारा भेजा गया पहला सेटेलाइट था। पृथ्वी ऑबजरबेशन सैटेलाइट (EOS-01) से पृथ्वी के बारे में जानकारी देगा।
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