Zomato IPO in Hindi: फूड डिलेवरी कंपनी ज़ोमैटो (Zomato) को भारत की सेबी ने मंजूरी दे दी है। जोमैटो ने अप्रैल में सेबी में लिस्टेड के लिए आवेदन किया था जिसे सेबी ने जून में अपनी मंजूरी प्रदान कर दी। जिससे निवेशकों के मन में उत्सुकता बढ़ी है। लेकिन कंपनी ने अभी तक कोई अधिकारिक इश्यू की घोषणा नहीं की है। ग्रे मार्केट में इसकी कीमत में 20 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। जोमैटो को सेबी में लिस्टेड होने के बाद 8250 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है।
ज़ोमैटो ने आईपीओ में लिस्टेड के बाद ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) मार्केट रेग्युलेटर में दाखिल कर दिया है। DRHP के नियम के अनुसार, ज़ोमैटो के आईपीओ में ताजा इक्विटी शेयर तथा उनके शेयर धारक इन्फो एज लिमिटेड के ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) में शामिल होंगे। सेबी में लिस्टेट के लिए पहला ड्रॉफ्ट (Document) DRHP होता है। जोमैटो का शेयर बीते साल का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है।
ग्रे मार्केट में ज़ोमैटो के शेयर की कीमत इश्यू प्राइस में 15 से 20 रुपये अधिक आंकी जा रही है। ज़ोमैटो का प्राइस बैंड 70 से 72 रुपये हो सकता है। ज़ोमैटो का कहना है कि वह आईपीओ से पहले 1500 करोड़ का प्राइवेट प्लेसमेंट जारी करने पर विचार कर रही है।
कंपनी की तरफ से अभी कोई अधिकारिक सूचना नहीं निकाली गयी है। अनुमान है कि कंपनी अभी प्रस्तावित फ्रेश इश्यू में कमी कर सकता है। सेबी को दिया जाने वाला पहला डाक्यूमेंट DRHP होता है। इसमें कंपनी की पूरी जानकारी होती है। कि कंपनी का स्थापना कब हुई, कंपनी के नेटवर्थ कितनी है। रेटिंग कितनी है। ये सब जानकारियां होती है।
कितना IPO है?
कंपनी इश्यू के जरिए 8250 करोड़ रुपये जुटाएगी। ताजा इश्यू के जरिए 7500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है, जबकि 750 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल के जरिए जुटाए जाएंगे। बिक्री के प्रस्ताव में, निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेचकर बाहर निकलते हैं। InfoEdge पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह Zomato के इश्यू में अपनी 750 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेचेगी। इश्यू के विशाल आकार का एक कारण यह है कि लिस्टिंग के बाद पुराने निवेशक शेयरों को अच्छी कीमत पर बेचेंगे। ऑफर में आने वाले प्रत्यके शेयर की फेस वैल्यू 1 रुपये रखी गई है।
कुछ अलग है अन्य IPO से Zomato IPO in Hindi
यह सामान्य मुद्दे से अलग होगा क्योंकि यह घाटे में चल रही कंपनियों के लिए तय आईपीओ के नियमों के माध्यम से आएगा। ऐसे आईपीओ में मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के रूट की तुलना में रिटेल इनवेस्टर्स के लिए कोटा कम होता है। एक सामान्य आईपीओ में खुदरा निवेशकों के लिए 35 फीसदी शेयरों का एक निश्चित कोटा होता है। लेकिन, चूंकि Zomato आईपीओ घाटे में चल रहा है, केवल 10% शेयर खुदरा निवेशकों के लिए होंगे, क्योंकि कंपनी आईपीओ घाटे में चल रही है, इसलिए निवेशकों को जोखिम हो सकता है। इसलिए सेबी ने जानबूझकर ऐसी कंपनियों में रिटेल कोटा कम रखा है।
जूलाई में जारीगा IPO
आम तौर पर सेबी द्वारा इश्यू की मंजूरी के लिए 21 कार्य दिवस तय किए जाते हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा और कोई बड़ी बाधा नहीं है, तो मई के अंत तक इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है। जबकि बाजार के हालात अच्छे रहने पर इश्यू जून तक बाजार में आ सकता है। कंपनी ने पैसा जुटाने के मकसद से लिखा है कि इश्यू से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक ग्रोथ में किया जाएगा।
ऑर्गेनिक ग्रोथ का मतलब मौजूदा बिजनेस को बढ़ाकर ग्रोथ हासिल करना है। जबकि ऑर्गेनिक ग्रोथ के जरिए दूसरी कंपनियों को खरीदकर बिजनेस का साइज बढ़ाना होता है। कंपनी ने लिखा है कि आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल ग्राहकों को जोड़ने और प्लेटफॉर्म को तकनीकी रूप से मजबूत करने की लागत को पूरा करने के लिए किया जाएगा। इस IPO को 19 जूलाई तक जारी करने की घोषणा की गयी है।
IPO क्या है?
आईपीओ का Full form इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) होता है। जब कोई कंपनी पहली बार मार्केट में शेयर निकाली है। तो उसे आईपीओ कहते है। इस प्रक्रिया में कंपनी आम जनता के लिए शेयर निकाली है। अगर मैं साधारण भाषा में समझे तो कंपनी इसके जरिए फंड़ इकट्ठा करती है। इस फंड का प्रयोग कंपनी उन्नत के लिए करता है। जो लोग आईपीओ खरीदते है उन्हें कंपनी का शेयर मिल जाता है। वह जितने का शेयर खरीदता है उतने हिस्से का मालिक हो जाता है। कंपनी उसे हर तीन महीने पर कंपनी के लाभ का कुछ हिस्सा अपने शेयर धारक को दे देता है।
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