Covid Delta Plus Variant:- देश में कोरोना की शुरुआत मार्च 2020 से हुई, तब देश में पहली लहर थी जो कम प्रभावी रही। किन्तु अप्रैल 2021 में आयी दूसरी लहर ने देश में कहर मचा दिया, दूसरी लहर को डेल्टा वेरिंएट नाम दिया था। 24 मई को देश में कोरोन केस पीक पर था । उसके बाद केस कम हो गया। देश दूसरी लहर से निकल ही रहा था, तब तक Delta Plus Variants ने देश में दस्तक दे दी। भारत का पहला Delta Plus Variants केस महाराष्ट्र में देखा गया। शोधकर्ताओ ने बताया कि यह वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। इसकी फैलने की रफ्तार 60 प्रतिशत अधिक देखी गयी है।
क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट (Covid Delta Plus Variant )
डेल्टा वैरिएंट जो B.1.617.2 भारत में सबसे पहले मिला , बाद में देखा गया कि यह भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में डेल्टा वैरिएंट पाया गया। धीरे-धीर यह अपना स्वरूप में बदलावों से डेल्टा प्लस वैरिएंय बना है। डेल्टा प्लस वैरिएंट सबसे पहले यूरोप देशों में मिला था। डेल्टा प्लस वैरिएंट में स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस केअहम हिस्सा से बना है। डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) की स्पाइक में K417N म्यूटेशन (mutation) जुड़ जाने से डेल्टा प्लस वैरिएंट बना है। डेल्टा प्लस वैरिएंट (K417N) अफ्रीका में पाये जाने वाले कोरोना वाइरस के बीटा वैरिएट और ब्राजील में पाये गये गामा वैरिएंट से मिलता -जुलता है। फिलहाल, भारत की स्वास्थ्य मंत्रालय ने डेल्टा प्लस वैरिएंट वाइरस को रेड एर्लट जारी किया है। दिया है।
वैरिएंट ऑफ कंसर्न का मतलब क्या है? और इस श्रेणी में किसी वाइरस को कब रखा जाता है।
किसी भी वाइरस को परिवर्तन (Mutation) को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (Variant of Concern) की श्रेणी में तभी रखा जाता है। जब उनमे ये बाते पायी जाती हैः-
यह वैरिएंट फेफड़े पर तेजी से चिपकता है, जल्द असर करता है। और उसे बहुत जल्दी खराब करता है।
शरीर में Monoclonl Antibodies (मोनोक्लोनल एंटीबॉडी) को कम करता है।
जब वह तेजी से फैल रहा हो।
मृत्यु काफी तेजी से हो रही हो।
किसी वैक्सीन का असर नहीं पड़ रहा हो।
यह शरीर में एन्टीवॉडी की क्षमता काफी तेजी से घट रही हो।
टेस्ट करने पर वाइरस असानी पकड़ में न पाए।
Delta Plus Variant के लक्षण
जिस प्रकार कोरोना वाइरस के प्रकार बदल रहें हैं। उसी प्रकार इनके लक्षणों में भी बदलाव देखनो को मिला। कुछ लक्षण तो सामान्य है किन्तु नये कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट में कुछ अलग लक्षण देखने को मिले है।
- सिर दर्द, सीने में दर्द ,फेफड़े खराब होना, सांस फूलना, सांस लेने में तकलीफ इसके गम्भीर लक्ष्ण है।
- डेल्टा प्लस वैरिएंट में कुछ सामान्य लक्ष्णः-खासी , जुखा़म, बुखार, थकान आदि।
WHO के अधिकारियों ने डेल्टा प्लस वेरिएंट के कुछ और लक्षण बताएं है। जैसेः- शरीर पर लाल चकते, पेट पर हथेली जैसे रंग होना, स्वाद और गंध का पता न चलना, गले में खराश आदि इसके लक्षण है।
भारत के किस-किस शहर में मिला है Delta Plus Variant के सबसे ज्यादा मरीज
डेल्टा प्लस वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा तेजी से फैल रहा है। सबसे पहले डेल्टा प्लस वैरिएंट का मरीज भारत में देखने को मिले है। वर्तमान में 40+ से ज्यादा केश भारत में दर्ज किये जा चुके है। सबसे पहला केश महाराष्ट्र के जलगांव और रत्नागिरी में मिले, जहाँ मरीजों की संख्या 16 थी। एम्स के डॉक्टर के रिकार्ड के अनुसार भारत में और मरीजों में फैल गया होगा, क्योंकि यह बहुत तेजी से फैल रहा है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज अन्य राज्यों में भी देखने को मिले है। जैसे – केरल और मध्य प्रदेश में भी देखा गया है। इन इलाके में Delta Plus Variant के मरीज मिले है। इसकी पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा है। तथा यह लोगों में तेजी से फैल रहा है।
भारत के अतिरिक्त और किस देश में फैला है Delta Plus Variant
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारत के अलावा Delta Plus Variants 9 देशों में फैला हुआ है। ये देश हैः- अमेरिका, यूनाइट किंगडम, चीन, पुर्तगाल, रूस, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, देश है जहां डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया है। यह वैरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है। अगर हम डेल्टा वैरिएंट की बात करे तो यह लगभग 80 से अधिक देशों में फैल चुका है। और तबाही भी मचा चुका है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण भारत और अमेरिका देश है। भारत में दूसरी कोरोना की लहर डेल्टा वैरिएंट ही थी जो भारत में तबाही मचाई थी।
भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज का हाल
Delta Plus Variants का पहला मामला मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में एक 68 वर्षीय महिला में पाया गया। राहत की बात यह थी इस महिला को होम आइसोलेशन करने के बाद पूरी तरह स्वास्थ्य हो गयी थी। किन्तु मध्य प्रदेश के शिवपुरी में चार नये मरीज की इसी नये वैरिएंट के कारण मृत्यु हो गयी थी। वर्तमान में मुम्बई इस नए कोरोना वैरिएंट Delta Plus Variant तेजी से फैल रहा है।
क्या डेल्टा प्लस वैरिएंट बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है?
एक चार साल का बच्चा केरल राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है। वैसे तो देश में वयस्कों के लिए वैक्सीन का अभियान चल रहा है। किन्तु बच्चों के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। इसी लिए बच्चों को लेकर काफी चिंताए बनी हुई है। वैसे बच्चों के वैक्सीन के लिए ट्रायल चल रहा है। किन्तु जिस प्रकार से तीसरी लहर की सम्भावना की जा रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर से बच्चे ज्यादा प्रभावित होगें। इसकी अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इस पर शोध चल रहा है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट से कैसे बचे?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, यह भी कोरोना का ही एक वैरिएंट ही है। इससे बचने के लिए भी मास्क का प्रयोग करें। तथा दूरी बनाकर रखे। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अभी चिंताएं बनी हुई है क्योंकि इसके लिए अभी वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है कि यह वैक्सीन इसमें काम करेगा या नहीं।
सावधानिया
इस लेख में जो भी जानकारियां दी गयी है। वह एक सामान्य जानकारी है। यह चिकित्सक सुझाव नहीं है। अगर कोई परेशानी या चिंता हो तो आप अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर ले।