Afghanistan अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान का कश्मीर पर एक बयान जारी किया है। कहा की कश्मीर भारत का आन्तरिक मामला है। कश्मीर पर मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है।
तालिबान के इस बयान पर भरोसा नहीं कर सकते है क्योंकि तालिबान का गुजरे काल को देखते हुए उस पर भरोसा नहीं कर सकते है।
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान जिस प्रकार वहां के लोगों के साथ नरमी बरते हुए कहा है कि मैं पड़ोसी देशों के साथ अच्छा संबंध बना कर रखूँगा। सूत्रों से पता चला है कि तालिबान का कश्मीर की ओर कोई ध्यान नहीं है। हालिक भारत सरकार को कश्मीर में सुरक्षा बढ़ानी होगी।
बीते मंगलवार को प्रधान मंत्री ने अपने आवास पर भारत की आन्तरिक सुरक्षा सलाहकार की बैठक बुलाई जिसमें भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल हुए। बैठक में अफगानिस्तान की हलात को देखते हुए भारत की सुरक्षा पर चर्चा हुई।
Afghanistan की हालत को देखते हुए एएनई ने भारत में सुरक्षा का कड़े प्रावधान करने की बात की है। तथा जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा चौकसी और बढ़ायी जाये।
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एएनई ने सूत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि भारत को अपनी सुरक्षा बढ़ानी चाहिए क्योंकि पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और लश्कर-ए-झांगवी का अफगानिस्तान में तालिबान से संबंध है। उन्होंने अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्र जैसे काबूल और कुछ गाँवों में अपने चेक पोस्ट बनाये है। भारत को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।
Afghanistan से 78 भारतीय को घर वापस बुला लिया गया है। जिसमें 16 भारतीय कोविड पॉजिटिव पाये गये है। जिनको अस्पताल में भरती किया गया।
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