Budget 2021-22 in Hindi | केन्द्रीय बजट-2021-22|:- 1 फरवरी,2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। इस बजट का प्रमुख लक्ष्यः- न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन और राजकोषीय स्थिति से सम्बन्धित था।
- ख़बरों में क्यों .
- वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट)
- बजट 2021-2022
- महत्त्व, संभावित प्रभाव
- चुनौतियाँ
- प्रश्न
ख़बरों में क्यों?
केन्द्रीय बजट Budget 2021-22:- हाल ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2021-22 का केन्द्रीय बजट पेश किया गया। यह पहला बजट है जो डिजिटल तरीके से पेश किया गया।
बजट 2021-22 की प्रमुख हाइलाइट्स शब्दः न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन और राजकोषीय स्थिति से सम्बन्धित था।
इस वर्ष 2021-22 का बजट 34,83,236 करोड़ है। जो वर्ष 2020-21 के बजट 30,42,230 करोड़ रुपये से 14.49 प्रतिशत अधिक है।
भारतीय इतिहास में पहली डिजिटल जनगणना के लिए 3,768 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए बजट पेश किया है।
- पहला पेपर लेस बजट है।
- वित्त मंत्रालय ने बजट दस्तावेजों के लिए एक ऐप जारी किया है।
वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट)
- संविधान के अनुच्छेद – 112 में वार्षिक वित्तीय विवरण का उल्लेख किया गया है।
- एक वर्ष के लिए भारत सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और खर्चों का विवरण होता है।
- राजस्व और पूंजी की अनुमानित प्राप्तियाँ
- राजस्व बढ़ाने के उपाय
- खर्च का अनुमान
- वास्तविक प्राप्तियाँ और खर्च का विवरण
- आने वाले साल के लिए आर्थिक और वित्तीय नीतियाँ
- वित्त वर्ष – 1 अप्रैल से 31 मार्च तक
इतिहास-
- भारत में बजट की शुरुआत ब्रिटिशकाल में हुआ।
- पहला बजट वित्त सदस्य जेम्स विल्सन द्वारा शुरु हुआ।
- आज़ाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी द्वारा
- अब तक सबसे लम्बा बजट भाषण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2020 में दिया गया था।
बजट 2021-2022 की प्रमुख बातें
- यह बजट आर्थिक रिकवरी को बनाये रखने पर केन्द्रित है।
- आत्मनिर्भर भारत के जरिये आर्थिक रिकवरी का विज़न है।
- 6 स्तम्भ-
- स्वास्थ्य और कल्याण
- भौतिक और वित्तीय पूंजी, बुनियादी ढाँचा
- आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
- मानव पूंजी को मजबूत बनाना
- नवाचार और अनुसंधान एवं विकास
- न्यूनतम सरकार और अधिकत शासन
1.स्वास्थ्य और कल्याण
- 2021-2022 के बजट में 2,23,846 करोड़ का अनुमान है जो 2020-21 को बजट 94,452 करोड़ से 137% की वृद्धि की गयी है।
- निवारक, उपचारात्मक औऱ कल्याण
- 2021-22 में COVID-19 वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रूपये दिये गये है।
- प्रधान मंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के 64,180 करोड़ रूपये दिये गये है।
- मिशन पोषण 2.0 शुरू किया गया है।
2.भौतिक और वित्तीय पूंजी, बुनियादी ढाँचा
- प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना (PIL) के तहत 1.97 लाख करोड़ रूपये दिये गये है।
- मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल्स पार्क (MITRA) बनाने की बात की गयी है।
- नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन बिछाने की बात की गयी है।
- 5.54 लाख करोड़ की पूंजीगत व्यय की बात की गयी है।
- 1,18,101 करोड़ रूपये सड़क परिवहन और राजमार्गों के लिये दिये गये है।
- 1,10,055 करोड़ रूपये रेलवे सिस्टम को 2030 तक अपडेट करने की घोषणा की है।
- 20 हजार करोड़ रूपये सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण करने की घोषणा की गयी है।
- रणनीतिक विनिवेश के लिए 1.75 करोड़ रूपये प्राप्ति करने का लक्ष्य 2021-22 के लिये रखा है।
3. आकांक्षी भारत के लिए समावेेशी विकास
- स्वामित्व योजना का सभी राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के विस्तार पर ध्यान दिया जायेगा।
- ग्रामीण भारत के लिए पशुपालन, डेयरी, मछली पालन के लिए क्रेडिट फ्लो या लोन देने की बात की है।
- ग्रामीण अवसंरचना विकास फंड के लिए 40 हजार करोड़ रूपये दिये गये है। जो 2020-21 में 30 हजार करोड़ रूपये था।
- ई-नाम को बढ़ावा ; (APMC) के लिए कृषि अवसंरचना फंड उपयोग के लिए।
- वन नेशन वन राशन कार्ड से सभी राज्यों को जोड़ना।
- नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन, ग्रीन पॉवर सोर्स से ऊर्जा निर्माण को बढ़ावा देना।
- जल जीवन मिशन के लिए 2.87 लाख करोड़ शहरों के दिये गये है।
4. मानव पूंजी को मजबूत बनाना
- स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देना जिसमें नई शिक्षा नीति के तहत 1500 स्कूलो को एनईपी के जरिये मजबूत करना।
- लद्दाख में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करना।
- 100 सैनिक स्कूलों की स्थापना करना।
- 750 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बनाना।
5. नवाचार और अनुसंधान एवं विकास
- नेशनल रिसर्च फाउंडेशन को बढ़ावा देना।
- नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन (NTLM)
- गगनयान मिशन, डीप ओसियन मिशन को बढ़ावा देना।
6. न्यूनतम सरकार और अधिकत शासन
- त्वरित न्याय के लिए ट्रिब्यूनल में सुधार के उपाय।
- इंश्योरेंस एक्ट 1938 में संशोधन की बात की गयी।
- पहली डिजिटल जनगणना के लिए 3768 करो़ड़ रूपये दिये गये है। भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना 2021 की जा रही है।
अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएँ
- पश्चिम बंगाल के लिए 95 हजार करोड़ रुपये की
- कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (AIDC)- 2.5 से 100 फीसदी तक लगाया जायेगा।
उदाहरण- पेट्रोल 2.5%, डीजल 4%, शराब 100%
- गोल्ड एक्सचेंज को SEBI के नियंत्रण में लाया जायेगा।
- कुल बजट 34,83,236 करोड़ का है।
चुनौतियाँ
- कोविड-19 के बाद आर्थिक रिकवरी
- FY 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा 6.8% अनुमानित
- बढ़ता एनपीए
- बढ़ती बेरोगारी
- योजनाओं का समय पर कार्यन्वयन
राजकोषीय स्थितिः-
- 2021-22 के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत अनुमानित है जो वर्ष 2020-21 के वास्तविक अनुमान के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद का 9.5 प्रतिशत हो गया है।
- वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत तक करने के लिये राजकोषीय सुदृढ़ीकरण (Fiscal Consolidation) हेतु योजना है।
UPSC Question (प्रश्न)
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पेश किया गया बजट भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का समाधान कर सकता है। बजट की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त कथन का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
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