World Homoeopathy day 2022: विश्व होम्योपैथी दिवस हर वर्ष 10 अप्रैल को मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य लोगों को होम्योपैथी इलाज के प्रति जागरूक करना है। होम्योपैथी की शुरुआत 18वीं शताब्दी में हुई थी। जानिए होम्योपैथी की खोज किसने की और होम्योपैथी दिवस का इतिहास और महत्व क्या है?
World Homoeopathy day 2022 (विश्व होम्योपैथी दिवस)
आज के समय में हम यह विचार नहीं कर पाते है कि हम कौन-सा इलाज चुनें? क्योंकि हमारे देश में तीन प्रकार के इलाज काफी विख्यात है- आयुर्वेद, होम्योपैथी और एलोपैथी। होम्योपैथी के प्रति जागरूक करने के लिए हर वर्ष 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है।
इस दिन जर्मन चिकित्सक डॉ. क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हानेमान (Dr Christian Friedrich Samuel Hahnemann) की जयंती को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। इनका जन्म 1755 में और 1843 में हुई थी। इस साल यानि 2022 में इसका 267वीं जयन्ती मना रहे। इन्होंने इसे आगे ले जाने में काफी बड़ी भूमिका निभाई थी।
विश्व होम्योपैथी दिवस का महत्व
आज के समय में होम्योपैथी काफी प्रचलित है। दुनियाभर में लोग होम्योपैथा को काफी महत्व देते है। इस विशेषज्ञों का मनाना है कि इस दवा साइड इफेक्ट कम है। भारत सहित विश्व में कई देश ऐसे है जो होम्योपैथी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे है। इस दिन होमियोपैथी से जुड़े फायदे के बारे में भी लोगों को बताया जाता है।
होम्योपैथी एक यूनानी शब्द होमो और पैथोस से आया है जिसका होमो का अर्थ- समान और पैथोस जिसका अर्थ है दुःख या बीमारी।
World Homoeopathy day 2022 theme
World Homoeopathy day 2022 theme in Hindi: होम्योपैथी इलाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष भारत सरकार द्वारा एक थीम जारी की जाती है जिसमें लोगों इसके इलाज और महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है। वर्ष 2022 की थीम-Homoeopathy : People’s Choice for Wellness रखा गया है।
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