United Nations Peacekeeping Force । संयुक्त राष्ट्र शांति सेना। यूएन पींसकीपिंग फोर्स की स्थापना 1948 में की गयी। जब से इस संस्था का गठन हुआ है, तब से भारत इसका सदस्य रहा है। संयुक्त राष्ट्र शान्ति रक्षा अभियान संयुक्त राष्ट्र द्वारा मस्तिकीय राष्ट्रों में व्यवस्था और स्थिरता लाने के लिए किए गये पुलिसिंग और शांति के कार्य करता है।
संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को ‘ब्लू हेलमेट’ या ‘ब्लू बेरेट्स’ के रूप में जाना जाता है। इसके कर्मियों में लगभग 120 देशों के सैनिक और सैन्य अधिकारी, पुलिस अधिकारी और नागरिक कर्मचारी शामिल है।
जीन-पियरे लैक्रेइक्स शांति कार्यों विभाग के प्रमुख है। उन्होंने 1 अप्रैल 2017 को पूर्व अंडर-सेक्रेटरी-जनरल हर्वे लैडूस से पदभार संभाल।
United Nations Peacekeeping Force। संरचना
संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के सदस्य देशों के कर्मियों द्वारा पूरक है। उन्हें स्वयंसेवक आधार पर बल में जोड़ा जाता है। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में लगभग 100,000 कर्मचारी कार्य करते है।
सबसे बड़ व्यक्तिगत योगदान कर्ताओ में भारत के लगभग 8000 सैनिक कार्य रतन है। जो सेना के रूप में सबसे बड़ी संख्या है। इसके बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश का नाम आता है।
भारत और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना
भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र के शार्ष सैन्य टुकड़ी के योगदानकर्ताओ में से एक रहा है और आठ देशों 5424 कर्मियों के साथ पांपवा सबसे बड़ा देश है।
नियमित बजट में भारत की योगदान 0.83% और शांति बजट का 0.16% है।
भारत ने अब तक 71 मिशनों में से 51 में भाग लिया है और 2 लाख से अधिक कर्मियों का योगदान दिया है। इसमें अन्य मिशनों में स्टाफ अधिकारियों के अलावा लेबनान, गोलन हाइट्स, कांगों और दक्षिण सूडान में सेना की तैनाती है।
भारत ने दक्षिण सूडान में दो और कांगों में एक क्षेत्रीय अस्पताल भी स्थापित किया है।
2018 के बाद से, भारत ने लेबनान के मिशन में कजाकिस्तान से एक दल का सह-चुनाव किया है।
भारत के अब तक 165 जवान शहीद हो चुके है। जो संयुक्त राष्ट्र शांति सेवा के अभियान में शामिल थे।
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र शांति सेनाः
दूसरी ओर देखा जाय तो अमेरिका ने कभी भी जमीनी स्तर पर सैनिकों का योगदान नहीं दिया है, लेकिन अमेरिका के शांति स्थापना बजट में 27% का योगदान करता है।
2016 में, भारत और अमेरिका ने संयुक्त ऱाष्ट्र की “यूएन पीसकीपिंग कोर्स फॉर अफ्रिकन पार्टनर्स” एक संयुक्त राष्ट्र वार्षिक पहल शुरू की, ताकि यूएन में भाग लेने के लिए अफ्रीकी सेना और पुलिस-योगदान करने वाले देशों की क्षमता बढ़ाई जा कसे।
चीन और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न अभियानों में इसके पास 2500 से अधिक सैनिक है और इसने अन्य 8000 सैनिकों का स्टैबाय के रूप में प्रतिबद्ध किया है। एक बार लागू होने के बाद, यह चीन को यूएसपीके में सैनिकों का सबसे बड़ा प्रदाता बना देगा।
संयुक्त राष्ट्र के नियमित आम बजट में चीन का योगदान 12% और शांति के बजट का 15% योगदान है।