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OTT प्लेटफॉर्म क्या है | OTT Platform in Hindi

OTT प्लेटफॉर्म क्या है – OTT जो बहुत ज्यादा ख़बरों में है? भारत सरकार इसके लिया क्या गाइड लाइन जारी करने की बात कर रही है। इस पोस्ट में हम आप को पूरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े।

OTT प्लेटफॉर्म क्या है

जैसा कि आप जानते है कि पहले लोगों के किसी भी काम के लिए बाहर जाना पड़ता था, किन्तु अब लोग घर में बैठ कर ही अपना काम कर लेते है। यह सब कैसे हुआ- इन्टरनेट के जरिये हुआ। पहले लोग पैसा निकाले के लिए बैंक या एटीएम पर जाते थे, किन्तु अब घर बैठ ही आप किसी को पैसा भेज सकते है, कोई समान खरीद सकते है।

OTT प्लेटफॉर्म क्या है?
OTT प्लेटफॉर्म क्या है

ठीक इसी प्रकार पहले लोग कोई टीवी सीरियल्स या फिल्म देखने के लिए DTH का प्रयोग करते थे या फिर फि़ल्म देखने लिए सिनेमा जाते थे। किन्तु जब से OTT प्लेटफॉर्म आ गया है, तब से आप घर पर ही बैठकर कोई फिल्म या टीवी सो देख लेते है।

OTT प्लेटफॉर्म फुलफार्म क्या है? OTT Full Form in Hindi

OTT Full Form in Hindi:- ओटीट प्लेटफॉर्म (ओवर – द – टॉप प्लेटफॉर्म) ऑडियो और वीडियो होस्टिंग और स्ट्रीमिंग सेवाएं जैसे नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम वीडियों, हॉटस्टार, उल्लू ऐप, सोनीलाइव, ZEE5 आदि है। जो कंटेट होस्टिंग प्लेटफॉर्म के रूप में शुरू हुआ, लेकिन जल्द ही लघु फिल्मों, फीचर फिल्मों के उत्पादन और रिलीज में बदल गए। जो वृत्तचित्र और वेब श्रृंखला के रूप में परिवर्तित हो गये। ये प्लेटफॉर्म सामग्री की एक श्रृंखला की पेशकश करते है। अधिकांश ओटीटी प्लेटफॉर्म अपनी कुछ सामग्री आम तौर पर निःशुल्क दिखाती है। किन्तु कुछ सामग्री के लिए शुल्क लेती है। जो किसी टीवी चैनल पर नहीं लगता है।

OTT प्लेटफॉर्म और भारत

भारत वर्तमान में दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता ओवर-द-टॉप (Over-The-Top) स्ट्रीमिंग बाजार है, और 2024 तक दुनिया के छठे सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरने का अनुमान है।

वर्तमान में लगभग 500 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ ओटीटी प्लेटफॉर्म 35 बिलियन लोग उपयोग में ले रहे है, अनुमान है कि प्रति वर्ष 8% की बृ्द्धि देखी जा सकती है। किन्तु इससे जुड़ी कुछ समस्या भी देखने को मिली है। जिसे दूर करने के लिए जनवरी 2019 में, आठ वीडियों स्ट्रीमिंग सेवाओं ने एक स्व-नियामक कोड पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें इन प्लेटफॉर्मों पर सामग्री के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों का एक सेट तैयार किया था , जिसमें पांच प्रकार की सामग्री को प्रतिबंधित किया गया था। जो इस प्रकार है।

1.ऐसी सामग्री जो जानबूझकर और दुर्भावना से राष्ट्रीय प्रतीक या राष्ट्रीय ध्वज का अनादर करती है।

2.कोई भी ऐसा दृश्य या कहानी लाइन जो पोर्नोग्राफ़ी को बढ़ावा देती है।

3."दुर्भावनापूर्ण" कोई भी ऐसी सामग्री जो धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा रखती है।
4.ऐसी सामग्री जो "जानबूझकर और दुर्भावनापूर्वक" तरीके से आतंकवाद को बढ़ावा देती है या प्रोत्साहित करती है।
5.कोई भी ऐसी सामग्री जो कानून या अदालत द्वारा प्रदर्शनी या डिस्टिब्यूशन के लिए प्रतिबंधित की गई है

ओटीटी प्लेटफॉर्मों के साथ मुद्दे

सामग्री विनियमनः इन ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर प्रदान की गई डिजिटल सामग्री की निगरानी और प्रबंधन के लिए कोई कानून या स्वायत्त निकाय नहीं है और यह बिना किसी फिल्टर या स्क्रीनिंग के बड़े पैमाने पर जनता के लिए उपलब्ध है।

टेलीविजन, प्रिंट या रेडियो के विपरीत, जो सरकारों द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करते है। डिजिटल मीडिया या सोशल मीडिया के रूप में वर्गीकृत ओटीटी प्लेटफॉर्मों की पेशकश की गई सामग्री की पसंद, सदस्यता दरों, वयस्क फिल्मों और अन्य लोगों के लिए प्रमाणन पर कोई विनियमन नहीं था।

यह एक ऐसा कदम है जिसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा, केंद्र सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दायरे में नेटफ्लक्स, अमेज़ॉन प्राइम और अन्य जैसे ओवर-द-टॉप प्लेटफार्म या वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा प्रदाताओं को लाया है।

नवीनतम आदेश में “डिजिटल/ ऑनलाइन मीडिया” शामिल है, जिसमें ऑनलाइन सामग्री प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराई गई फिल्में और ऑडियो-विजुअल कार्यक्रम और समाचार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वर्तमान मामलों की सामग्री शामिल है। उसे नियंत्रित करने के लिए कोई कानून नहीं है। इसी का लाभ उठाकर कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म अपनी मनमानी तरीके से सामग्री दिखा रही है।

भारत सरकार को इसे रोकने के लिए जल्दी से जल्दी कोई कानून लाना चाहिए। जिससे पोर्नोग्राफी जैसी सामग्री पर रोक लग सके, जो जनता के बीच प्रसारित की जा रही है।

ऑनलाइन सामग्री प्रदाता सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2002 के कानूनी ढांचे के तहत आता है। हालाँकि इस बारे में कोई विवरण अभी तक नहीं है कि सरकार इसे कैसे विनियमित करेगी। लेकिन यह पता चला है कि प्रोग्राम को जो टीवी पर सामग्री को नियंत्रित करता है उसी के नियमों को फ्रेम करने के लिए एक टेम्पलेट के रूप में काम लिया जा सकता है।

ओटीटी के नियमन का मतलब यह भी हो सकता है कि जो सामग्री इस प्लेटफॉर्म पर प्रमाणीकरण और अनुमोदन के लिए आवेदन करना चाहते है वे उसी को स्ट्रीम भी कराना चाहते है।

आगे अगर कोई भारत सरकार की कोई गाइडलाइन जारी होती है तो मैं आप लोगों तक जरूर पहुंचाने का प्रयास करेंगे ।

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