Nipah Virus Kerala 5 सितम्बर की सुबह केरल में 12 वर्ष के बच्चे की निपाह वायरस से मृत्यु हो गयी। केरल में निपाह वायरस के केस आने से पूरे देश में हड़कंप मच गया है।
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केरलः एक तरफ देश के कोरोना जैसी महामारी से सबसे ज्यादा मामले केरल में मिल रहे हैं। वही केरल में निपाह वायरस जैसा जानलेवा वायरस ने संकट खड़ा कर दिया है। निपाह वायरस से केरल के 12 वर्ष के बच्चे की मृत्यु हो गयी। यह मामला केरल के कोझिकोड जिला में मिला है। कोझिकोड में 12 वर्ष के बच्चे की अचानक तबियत खराब होने पर पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जॉच के बाद बच्चे में निपाह वायरस के लक्षण पाये गये। जिसका इलाज के दौरान आज सुबह मृत्यु हो गयी।
Nipah Virus Kerala
केरल में सुबह बच्चे की मृत्यु के बाद उसमें इन्सेफलाइटिस के लक्षण नजर आ रहे थे लेकिन अस्पताल में जांच के बाद आयी रिपोर्ट में निपाह वायरस के लक्षण दिखायी दिये। इस खबर की जानकारी होते ही केरल के मुख्यमंत्री ने देर रात आपतकाल स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक बुलाई। वैसे अभी तक को अधिकारिक तौर पर निपाह वायरस के बार में कोई घोषणा नहीं की गयी है।
निपाह वायरस का इतिहास
WHO और स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, निपाह वायरस का पहला मामला मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह गांव में यह मामला सबसे पहले देख गया था। इसी गाँव के नाम पर इसका नाम निपाह वायरस रखा गया था। यह वायरस मलेशिया के बाद सिंगापुर और 2001 में भारत और 2004 में बांग्लादेश के कुछ लोगों में इस वायरस के लक्षण पाये गये।
ऐसे फैलता है निपाह वायरस
WHO के अनुसार यह वायरस चमगादड़ और सुअरों से व्यक्तियों में फैलना शुरु किया। विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस मुख्यता चमगादड़ से फैलता है। चमगादड़ के द्वारा खाये गये फल से सबसे ज्यादा फैलता है। ऐसे चमगादड़ को फ्रूड बैट कहते है। जो फल खाते है और अपनी लार को छोड़ते है। ऐसे फलो को खाने वाले इंसान और जानवर इस संक्रमण की चपेट में आ जाते है।
निपाह वायरस के लक्षण/उपाय (Nipah Virus Symptoms)
निपाह वायरस चमगादड़ से फैलने वाला एक जानलेवा वायरस है। इसके लक्षण, दिमागी बुखार, सिर में तेजी से दर्द, उल्टियां, बेहोशी और जी मचलाना हैं। बचने के उपाय, साफ-सफाई, खाना खाने से पहले और बाद में हाथों को ठीक से साफ करे, संक्रमित फल खाने से बचे। फलों और सब्जियों को अच्छे से साफ कर खाये। संक्रमित व्यक्ति से दूर रहे, सुअर के मांस खाने से बचे।
जीका वायरस क्या है और कैसे फैलता है?
जीका वायरस की सक्रिय होने की अवधि 3 से 14 दिनों के बीच होती है, और इससे संक्रमित अधिकांश लोगों में कोई वास्तविक लक्षण विकसित नहीं होते हैं। कुछ व्यक्तियों द्वारा प्रदर्शित कुछ हल्के लक्षणों में बुखार, शरीर पर चकत्ते, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आदि शामिल हैं। जीका वायरस को गुइलेन-बैरे सिंड्रोम, न्यूरोपैथी और मायलाइटिस को ट्रिगर करने के लिए भी जाना जाता है, खासकर वयस्कों और बच्चों में ज्यादा प्रभावित है।
स्थिर जल संचय को रोकें
• फूलों के लदान में पानी को सप्ताह में एक बार बदलें
• फूलदान के नीचे तश्तरी का उपयोग करने से बचें
• पानी के बर्तन को कसकर बंद कर दें
• सुनिश्चित करें कि एयर-कंडीशनर चिप्स पानी से मुक्त हैं
• इस्तेमाल किए गए सभी डिब्बे और बोतलों को एक ढके हुए कूड़ेदान में फेंक दें
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