Nag Panchami kab hai नाग पंचमी हिन्दुओं का त्यौहार है। हिन्दु धर्म में नाग की पूजा की जाती है। नाग पंचमी सावन या श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी मनायी जाती है। इस दिन नाग पूजा या नाग देवता को दूध से स्नान कराया जाता है।
कुछ लोगों का मानना है कि सर्प का दूध पिलाना चाहिए लेकिन आप की जानकारी के लिए बता दूं कि सर्प को दूध का पाचन नहीं होता है जिससे सर्प की प्रत्यूर्जता से मृत्यु हो जाती है। पौराणिक कथाओं में सर्प को दूध पिलाने की बात नहीं की गयी है किन्तु दूध से स्नान कराने की बात की गयी है। और अष्टनाग की पूजा होती है।
Nag Panchami kab hai | Nag Panchami 2021 date
Nag Panchami kab hai नाग पंचमी 13 अगस्त को मनायी जायेगी। नाग पंचमी श्रावण के पंचमी को नाग पंचमी मनायी जाती है। इस दिन लोग घर की सफाई करते है। घर की दीवारों पर नाग देवता का चित्र बनाते है। पूजा करते है। कुछ लोग व्रत भी रखते है।
गांवों और कस्बे में नाग पंचमी के दिन पास के पहलवान कुश्ती में भाग लेते है। और अन्य खेल भी होता है जैसे ऊंची कूद, दौड़ होता है। इस गाय, बैल, तथा अन्य जानवरों के स्नान कराया जाता है। Nag Panchami kab hai
नाग पंचमी का महत्व
पौराणिक मानता के अनुसार यदि किसी के कुंडली में कोई दोष है खास कर कालसर्प का तो शांति पूजा कराने से यह दोष दूर हो जाता है। इस दिन ॐ नमः शिवाय मंत्र और महामृत्युंज्य का सिद्ध जाप करने से सारे दोष दूर हो जाते है। इस दिन शिव लिंग पर दूध से स्नान करने पर सारी मनोकामना पुरी हो जाती है।
नाग पंचमी की तैयारी
नाग पंचमी के दिन सुबह लोग उठकर स्नान करते है, मंदिर जाते है, घर की साफ-सफाई करते है। घर के द्वार पर नागराज का चित्र बनाकर लोग उसकी पूजा करते है। नागदेव की सुगंधित पुष्प, कमल व चंदन से ही पूजा करनी चाहिए, क्योंकि नागदेव को सुगंध प्रिय है। नागदेव रातरानी और चन्दन के वृक्ष पर रहते है क्योंकि इनको सुगंध प्रिय है। Nag Panchami kab hai
नाग पंचमी का मेला
आज के पावन पर्व पर वाराणसी (काशी) में नाग कुआं नामक क्षेत्र में एक विशाल मेला लगता है, अफ़वाह है कि तक्षक गरुड़ जी के भय के कारण, काशी एक बच्चे के रूप में संस्कृत शिक्षा की आवश्यकता के लिए आया था लेकिन गरुड़ जी को यह बात समझ में आ गई और उन्होंने तक्षक पर आक्रमण कर दिया, लेकिन अपने गुरु के प्रभाव से गरुड़ ने अभय को तक्षक नाग को दान कर दिया, क्योंकि उस समय नाग पंचमी के दिन से यहां नाग पूजा की जाती है।
नाग पंचमी की पौराणिक कथाएं
कहा जाता है कि कृष्ण भगवान एक बार अपने मित्र के साथ खेल रहे थे। तभी उनकी गेंद यमुना नदीं में चली गयी , तो कृष्ण भगवान गेंद निकलने के लिए यमुना नदी में कूद गये, गेंद काफी गहराई में चली गयी। वहां एक वासुकी नाम के एक नाग रहता था जिसने भगवान श्री कृष्ण पर हमला कर दिया। कृष्ण भगवान ने सर्प को काफी मार उसे मांफी करने पर मजबूर कर दिया। इसी दिन से नाग पंचमी मनायी जाने ली।
अन्य कथा
एक गांव में एक किसान रहता था उसके तीन संतानें थी, दो लड़का और एक लड़की थी। एक दिन किसान अपने परिवार के साथ खेत जोतने गया। खेत में सर्प से तीन बच्चे और उसकी मां थी उसी समय सर्प के बच्चे की कट कर मृत्यु हो जाती है। अगले दिन रात में सर्प की मां आती है और किसान, दो बच्चे और पत्नी सहित सभी लोगों को डस लेती है। और सभी की मृत्यु हो जाती है।
लेकिन किसान की पुत्री बच जाती है अगले दिन सर्प की मां उसे काटने आती है तो वह लड़की दूध से भरे कटोरे को उसके आगे रख देती है इसे देख कर सर्प की मां बहुत खुश होती है, और उस लड़की से कुछ वरदान मांगने को कहती है तो लड़की ने कहा की मेरे माता-पिता और मेरे भाई जीवित हो जाये। सर्प ने तथास्तु कहकर अदृश्य हो जाती है और सभी लोग जीवित हो जाते है। यह दिन पंचमी की दिन होती है इसी लिए श्रावण माह की पंचमी को नाग पंचमी मनायी जाती है।
FAQ’s
Q. 2021 में नाग पंचमी कितने तारीख को है?
Ans: नाग पंचमी 13 अगस्त को मनायी जायेगी।
Q. नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है?
Ans: कुछ पौराणिक मान्यता है इसी लिए इस मनाया जाता है। वैज्ञानिक यह कि इससे सर्प की रक्षा होगी औ पर्यावरण संतुलन बना रहेगा।
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