Hindi Diwas 2021 date:- हर वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी दिवस मनाने की शुरुआत 14 सितम्बर, 1953 में हुई, तभी से हिन्दी दिवस हर वर्ष मनाया जाता है। 1918 में महात्मा गाँधी ने हिन्दी सम्मेलन में हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने की अपील की थी। किन्तु आजादी के बाद इस ओर विशेष ध्यान नहीं दिया गया।
और एक अति लाभ यह, या में प्रगट लखात
निज भाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।
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Hindi Diwas 2021
Hindi Diwas 2021:- हर वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। भारत की आजादी के बाद संविधान सभा ने हिन्दी को केन्द्र ने राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की बात की गयी। किन्तु संविधान सभा में इस लेकर विवाद शुरु हो गया क्योंकि दक्षिण भारत और कुछ अन्य राज्यों में हिन्दी भाषा का उपयोग कम किया जाता है। किन्तु भारत के अधिकतर क्षेत्र में हिन्दी भाषा बोली जाती है। इसीलिए संविधान सभा ने 14 सितम्बर, 1949 को हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की घोषणा की है। इसी महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए 14 सितम्बर,1953 से हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा की गयी।
हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास और काका कलेश्वर दास ने अथक प्रयास किये।
हिन्दी दिवस का इतिहास
दो सौ वर्ष तक अंग्रेजों का गुलाम होने के कारण भारत में भाषा को लेकर काफी भ्रम था। 1947 में मिली आजादी के बाद भारत में भाषा को लेकर काफी समस्या थी। क्योंकि भारत में अलग-अलग राज्यों 600 से अधिक भाषा बोली जाती है। जिससे राष्ट्रभाषा चुनना काफी कठिन हो गया था। भारतीय संविधान सभा का गठन 9 दिसम्बर 1946 को किया गया। डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा को संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। 11 दिसम्बर 1946 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष बनाया गया। संविधान सभा की सहमति के बाद अंग्रेजी और हिन्दी को राज्य भाषा का दर्जा दिया गया। राज्य को ऊपर छोड़ दिया गया कि वह जो भाषा चाहे उसे चुन सकते है।
भारत में सब भिन्न अति, ताहीं सों उत्पात
विविध देस मतहू विविध, भाषा विविध लखात।
26 नवम्बर 1949 को संविधान बनकर तैयार हो गया। तब संविधान निर्माताओं के पास भाषा को लेकर काफी समस्या थी।
14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में अंग्रेजी के साथ हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया। बाद में प. जवाहर लाल नेहरु ने इस दिन को अधिकारिक तौर पर हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा की।
हिन्दी को संवैधानिक दर्जा
हिन्दी भाषा संविधान की आठवीं सूची में जोड़ा गया। मूल संविधान में 14 भाषाओं को आठवीं सूची में जोड़ा गया। हिन्दी को भी मूल संविधान में जोड़ा गया था। वर्तमान में भारतीय संविधान में 8 अनुसूची में 22 भाषाओं को शामिल है। भारतीय संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343(1) में बताया गया है कि राष्ट्र की राज भाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी।
हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए हिन्दी के महान लेखक भारतेन्दु हरिश्चन्द जी ने भी अथक प्रयास किया। उन्होंने हिंदी गद्य में हिंदी पर एक रचना भी की। जिसका नाम है “भाषोन्नति कैसे हो” गद्य की रचना की।
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।
अंग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन
पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन।
निज भाषा उन्नति बिना, कबहुं न ह्यैहैं सोय
लाख उपाय अनेक यों भले करे किन कोय।
दीप “आशा” का हो प्रज्वलित, ज्ञान से उद्दीप्त हो,
हो उजाला सब के उर में, तिमिर मन का दूर हो…!
हिन्दी दिवस का महत्व
हिन्दी दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को अपनी मात्र भाषा के प्रति जागरूक करना है। आजादी के बाद भारत नव-निर्मित सरकार के पास चुनौती थी कि किस भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जाये। क्योंकि भारत में लगभग 600 से अधिक भाषा बोली जाती है। इस लिए भारत कोई राष्ट्रभाषा नहीं है। हिन्दी को राज्यभाषा का दर्जा दिया गया है।
FAQ’s
Q. हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है?
Ans : 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है।
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