Happy Navaratri 2021: 7 अक्टूबर शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दिन माँदुर्गा के 9 रुपों की पूजा की जाती है। नव दिनों तक व्रत रखा जाता है। तथा नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना की जाती है। इस विधि के शुभ मुहूर्त के बारे में जानने के लिए पोस्ट को पूरा पढ़े। हम इस पोस्ट में नवरात्रि ने बारे में तथा पूजा विधि को विस्तार से बताने की कोशिश करेंगे। आइए जानते है कलश स्थापना शुभ मुहूर्त (Navratri Kalash Sthapna Shubh Muhurat) क्या है?
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Happy Navaratri 2021 kab hai
नवरात्रि 2021, 7 अक्टूबर से शुरु होकर 16 अक्टूबर तक रहेगा। इस 9 दिन को हिन्दू धर्म में काफी पवित्र माना गया है। हिन्दू धर्म इस दिन घरों की साफ-सफाई की जाती है। माँ की नई मूर्ति स्थापित की जाती है। इस दिन पूरे भारत में माँ दुर्गा की पूजा होती है। तथा कई प्रकार के कार्यक्रम होते है। गाँवों तथा शहरों में मेले का आयोजन होता है।
Navratri Kalash Sthapna Shubh Muhurat (नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त)
नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना की जाती है। स्थापना करते समय शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। 7 अक्टूबर को कलश स्थापना शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक है इसी बीच कलश स्थापित करने से नवरात्रि फलदायी होगा। (Happy Navaratri 2021)
कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री
कलश स्थापना के लिए सामग्री की जरूरत पड़ती है। इस लिए पूरी तैयारी करके बैठ। कलश स्थापना के लिए आवश्यक 7 सामग्री चौड़े मुंह वाला मिट्टी का वर्तन (कलश), अनाज, साफ स्थान से लायी गयी मिट्टी, गंगाजल, पान, सुपारी, आम या अशोक का पत्ता, जटा वाला नारियल, अक्षत, ज्वौ, हल्दी, लाल वस्त्र और पुष्प की आवश्यकता पड़ती है।
कलश स्थापना की विधि
कलश स्थापना के दौरान कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखकर करें। उत्तर-पूर्व दिशा को साफ कर माँ का चौकी लगायें। चौकी पर साफ लाल कपड़ा डालकर या बिछाकर उस पर माँ की मूर्ति स्थापित करें। सर्वप्रथम श्री गणेश की पूजा करें। उसके बाद जटा नारियल पर लाल कपड़ा लपेटकर कलश के मुंह पर रख दे। कलश के अन्दर एक जोड़ा लौंग तथा सुपारहल्दी डालकर स्थापित करें।
नवरात्रि में दुर्गा माँ के 9 रुपों की पूजा की जाती है। तथा व्रत रखा जाता है। मां की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है। जो भक्त माँ की पूजा सच्चे दिल से करते है उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
माँ के 9 रुपों की पूजा की जाती है
नवरात्रि के दिनों में माता के 9 रुपों की पूजा की जाती है। इन 9 रुपों को नवदुर्गा कहा जाता है। नवरात्र के 9 दिनों में मां दुर्गा के जिन 9 रूपों का पूजन किया जाता है, उनमें पहला शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्मचारिणी, तीसरा चंद्रघंटा, चौथा कूष्मांडा, पांचवां स्कंदमाता, छठा कात्यायनी, सातवां कालरात्रि, आठवां महागौरी और नौवां सिद्धिदात्री की पूजन की जाती है।
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